गोरखपुर. छठवें चरण में 12 मई को बस्ती मंडल की तीन सीटों और सातवें चरण में 19 मई को गोरखपुर मंडल की छह सीटों के लिए मतदान होना है। प्रचार का अंतिम दौर चल रहा है जिसमें भाजपा, सपा-बसपा गठबंधन और कांग्रेस ने पूरी ताकत झोंक दी है। हर पार्टी और प्रत्याशी के अलग-अलग दावे हैं लेकिन इस आखिरी दौर में यह बता पाना मुश्किल हो रहा है कि नेताओं को चिलचिलाती धूप ज्यादा परेशान कर रही है या सियासत की गर्मी। यूं तो गोरखपुर-बस्ती मंडल की हर सीट पर प्रत्याशियों के बीच जबरदस्त घमासान मचा हुआ है लेकिन गोरखपुर सदर की सीट पर सारे देश की नज़रें हैं। इसकी वजह हैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जो मुख्यमंत्री बनने तक यहां से सांसद हुआ करते थे। इस सीट पर 1989 से भाजपा का कब्जा था लेकिन पिछले साल उपचुनाव में सपा के प्रवीण निषाद ने उपेन्द्र शुक्ल को हराकर सीट हथिया ली। इस बार भाजपा ने फिल्म स्टार रविकिशन सपा- बसपा गठबंधन ने पूर्व मंत्री रामभुआल निषाद और कांग्रेस ने एडवोकेट मधुसूदन त्रिपाठी को मैदान में उतारा है। तीनों उम्मीदवार तो अपने- अपने स्तर पर प्रचार में जुटे ही हैं उनकी पार्टी के पदाधिकारियों- नेताओं ने भी पूरी ताकत लगा दी है। इसका एक नज़ारा इन पार्टियों के दफ्तरों पर देखने को मिल रहा है। भाजपा ने अपने बेनीगंज कार्यालय को वॉर रूम में तब्दील कर दिया है। इस वॉर रूम में चुनाव प्रबंधन, कार्यक्रम प्रवास, प्रचार, आईटी, सोशल मीडिया सहित अलग-अलग विभागों की मेजें लगी हैं जहां से रणनीतिकार लगातार फील्ड में घूम रहे कार्यकर्ताओं से सम्पर्क में हैं। बेतियाहाता स्थित समाजवादी पार्टी कार्यालय में पहले पांच चरणों के मतदान से खाली हो गए दूसरे जिलों के नेताओं-कार्यकर्ताओं की जुटान हो गई है। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किरणमय नंदा चुनाव संचालन का जायजा ले रहे हैं। यहां आईटी विभाग के लिए अलग से कोई दफ्तर नहीं। नेताओं का दावा है कि उनके कार्यकर्ता अपने-अपने मोबाइल से ही सोशल मीडिया पर मौजूद हैं और उनकी पार्टी सोशल मीडिया पर अलग से कोई खर्च नहीं करती। कांग्रेस ने ट्रांसपोर्टनगर में अपना चुनाव कार्यालय बनाया है। यहां भी आईटी कार्यकर्ताओं की एक टीम तैनात है जो मतदाताओं की सूची लेकर एक-एक के मोबाइल नंबर पर फोन और एसएमएस के जरिए वोट देने की अपील कर रही है।