कई देशों में बैन है बुर्का, अब भारत में भी इसको लेकर बहस शुरू


नई दिल्लीः महिलाओं के बुर्का पहनने पर जहां शिवसेना की पहल के बाद बहस शुरू हो गई है वहीं दूसरी तरफ इस मांग का विरोध होना भी तय माना जा सकता है। इसका विरोध करने वाले शिवसेना की मांग को कट्टरवादी सोच और सियासी फायदा करार दे सकते हैं, लेकिन इसके बाद यह सवाल खड़ा हो रहा है जो काफी बड़ा है, जिसका जवाब तलाशना भी बेहद जरूरी है। जहां तक शिवसेना की बात है तो वह इससे पहले भी इस तरह की मांग कर चुकी है। लेकिन अब इसकी शुरुआत श्रीलंका से हुई है। दरअसल, श्रीलंका में आतंकी हमले के बाद वहां की सरकार ने मुस्लिम महिलाओं को बुर्का पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके बाद ही शिवसेना ने भारत में इसको बैन करने की मांग की है। इतना ही नहीं दुनिया के कई देश जिसमें यूरोपीय देश ज्यादा है ने बुर्का प्रतिबंधित किया हुआ है।
कई देशों में पूरी तरह से बैन है बुर्का, शिवसेना की मांग के बाद भारत में भी इसको लेकर खासी बहस शुरू हो गई है दुनिया के कई देशों मे बुर्का प्रतिबंधित है। श्रीलंका ने भी हाल ही में ऐसा ही फैसला लिया है। यह फैसला सुरक्षा कारणों से लिया गया है। अब भारत में भी इसको बैन करने की मांग की है।
गौरतलब है कि पिछले वर्ष अगस्त में आस्ट्रेलियाई सांसद ने भी देश में बुर्का पहनने पर रोक लगाने की मांग की थी। वह उस वक्त सुर्खियों में आई थी जब वह पार्लियामेंट में बुर्का पहनकर आईं। ऐसे में कुछ सदस्यों ने इसका विरोध किया, जिसमें बाद हेनसन ने अपनी पहचान उजागर करते हुए बुर्का उतार दिया और सदस्यों से बुर्का प्रतिबंधित करने की मांग की। उन्होंने यह भी कहा कि देश में एशियाई नागरिकों की संख्या बढ़ने के चलते वह यह मांग कर रही हैं।
डेनमार्क जहां 2018 में इसको प्रतिबंधित किया गया था। इसके अलावा फ्रांस में 2011 में इसे प्रतिबंधित किया गया था। यहां पर सार्वजनिक स्थलों पर बुर्का पहने पर 150 यूरो का जुर्माना लगाया जा सकता है। जबरन बुर्का पहनाने पर यहां 30 हजार यूरो का जुर्माना है। इसी तरह बेल्जियम में भी 2011 में ही इसको बैन किया गया और ऐसा न करने पर सात दिन की जेल या 1300 यूरो तक का जुर्माने का प्रावधान किया गया। 2015 में नीदरलैंड्स और हॉलैंड में सार्वजनिक स्थलों पर इसे पहनना प्रतिबंधित किया गया। स्विट्जरलैंड के टेसिन इलाके में 2016 में इसको प्रतिबंधित किया गया। इस आदेश का उल्लंघन करने पर यहां 9200 यूरो तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। इटली के नोवारा में वर्ष 2010 में इसको बैन किया गया। जर्मनी में 2017 में इस पर रोक लगाई गई। स्पेन के कैटेलोनिया इलाके में 2013 से ही यह प्रतिबंधित है। 2013 तक तुर्की में बुर्का या हिजाब पहनने पर रोक थी, लेकिन बाद में इसको हटा लिया गया। लेकिन आज भी अदालत, सेना और पुलिस में महिलाएं बुर्का पहनकर नहीं जा सकती हैं। चाड में 2018 में इसको प्रतिबंधित किया गया। यहां पर सार्वजनिक स्थलों पर बुर्का पहनने पर जुर्माना और जेल का प्रावधान है। कैमरून के पांच राज्यों में भी 2018 में इसको प्रतिबंध्रित किया गया। कोंगो में 2015 में इसको बैन किया गया।