किसी से न करें शेयर अपना खाता नंबर-पिन-ओटीपी,



कांगडाः प्रदेश भर में फैली साइबर क्राईम से बढ़ती हुई घटनाओं पर रोक लगाने के लिए पुलिस विभाग ने आम लोगों को एडवाइजरी जारी कर दी है। हिमाचल सहित जिला कांगड़ा में ऑनलाइन ठगों ने लाखों रुपए की ठगी का शिकार दर्जनों लोगों को बनाया है। अब पुलिस विभाग ने भी अलर्ट होकर बचाब के टिप्स देने जारी कर दिया हैं, जिसमें अपना खाता नंबर-पिन व ओटीपी किसी से भी शेयर करने की पूरी तरह से मनाही की है। गौर हो कि हाल ही में पाकिस्तान के नंबर से भी कॉल करके एक व्यक्ति से डेढ़ लाख रुपए की ठगी की जा चुकी है। इसके अलावा धर्मशाला के साथ लगते आसपास के क्षेत्रों में करीब एक दर्जन ठगी के मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें लॉटरी टिकट जारी कर भी अकाउंट में पैसे डलवाकर ठगी की जा रही थी। इसी को देखते हुए अब पुलिस ने आम लोगों के साथ बैठक करके भी लोगो को जागरूक करने की योजना बनाई है। पुलिस विभाग द्वारा आम लोगों को जारी गाइडलाइन के तहत व्यक्ति को अपनी किसी भी निजी जानकारी को साझां नहीं करना चाहिए, जिसमें उपभोक्ता आईडी, एटीएम पिन और ओटीपी ईटीसी, फोन, एसएमएस या ई-मेल पर किसी को नहीं बतना चाहिए। अगर यूपीआई में आईटीपी पर कोई अवरोध नहीं है, तो वेबपोर्टल पर या उसके आसपास के बॉटम को हमेशा चेक करें, अपने ई-मेल में किसी भी प्रकार के लिंक पर क्लिक न करें। किसी भी प्रकार की अनएक्सपटेड ई-मेल अटचमेंट और मैसेज को डाऊनलोड नहीं करना चाहिए, किसी भी तरह की गोपनीय जानकारी ई-मेल पर किसी भी यंहा तक कि ऑफ्सियल दिखने वाली आईडी पर भी शेयर नहीं करने चाहिए। जिसमें इनकम टैक्स डिपार्टमेंट, सिंडिकेट बैंक, वीजा या मास्टरकार्ड आदि से भी कुछ शेयर करने की बजाय उनके कार्यालय में संपर्क करना चाहिए, नेट-बैंकिंग का उपयोग न करें या सार्वजनिक रूप से अपने क्रेडिट कार्ड, कम्प्यूटर कार्ड का उपयोग न करें, अपना पिन हमेशा याद रखें, अपने दस्तावेज को डाउनलोड न करें और न ही अपने कार्ड पर किसी भी तरह से पिन करें। पुलिस ने एडवाईजरी जारी करते हुए कहा है कि कुछ-कुछ समय के बाद अपने पिन, पासवर्ड को बदलें। वहीं अगर आपको संदेह होता है कि कोई आपके पिन के बारे में जान गया है, तो अपना पासवर्ड या पिन उसी समय बदलें, अपना पिन और पासवर्ड मैसेज व ई-मेल से ने भेजें, जहां पर अन्य लोग आपको सुन सकें, वहां अपना पिन न बोलें और अपने खाता नंबर को किसी भी ब्राउजर और ऐप में न रखें। तभी इन बढती घटनाओं पर रोक लग सकती है।