25 करोड़ साल पुराने पेड़ का जीवाश्म, मिला शिमला में

 

शिमला.खड़ापत्थर में लगभग 25 करोड साल पुराने पेड़ का विशालकाय जीवाश्म मिला है। यह जीवाश्म डायनासोर के युग का माना जा रहा है। इसे वन विभाग रोहड़ू की टीम ने खोजा है। अब इसे संरक्षित किया जा रहा है। जल्द ही इस जीवाश्म को पुरातत्व विभाग को सौंपा जाएगा। एक हफ्ते में विभाग की टीम यहां पहुंचेगी। बता दें कि इससे पहले भी हजारों-करोड़ों साल पुराने जीवाश्म और अवशेष सोलन और बिलासपुर में मिल चुके हैं।
ऐसे मिला जीवाश्मवन विभाग रोहड़ू के डीएफओ चंदू ताशिलदार, वन परिक्षेत्र अधिकारी देसराज और वन रक्षक रणधीर खड़ापत्थर के दौरे पर थे। इस दौरान उन्हें वनस्पति का जीवाश्म दिखाई दिया।
करीब से देखने पर जीवाश्म विशालकाय पेड़ का लग रहा था। वन विभाग ने उसकी फोटो हिमाचल प्रदेश राज्य संग्रहालय शिमला के क्यूरेटर डॉ. हरि सिंह चौहान को भेजी। एक मई को डॉ. हरि सिंह स्वयं मौके पर पहुंचे और जीवाश्म का निरीक्षण किया।
उन्होंने अनुमान लगाया कि यह विशालकाय पेड़ मध्यजीवी युग का है। पेड़ का जीवाश्म लगभग 25 करोड़ साल पुराना है। मध्यजीवी युग में डायनासोर सहित कई विशालकाय जानवर धरती पर थे। यह पेड़ लंबाई में 12 फीट और चौड़ाई में 8 फीट है।
डॉ. चौहान ने बताया कि इंसान जीवाश्म को आसानी से पहचान नहीं सकता है। खड़ापत्थर में मध्यजीवीय युग के पेड़ के जीवाश्म मिले हैं। पड़ताल के लिए इस क्षेत्र का संवर्द्धन किया जाएगा।
जीवाश्म की खोज इस क्षेत्र के लिए नई पहल है। वन मंडल अधिकारी रोहड़ू चंदू ताशिलदार ने बताया कि पेड़ का जीवाश्म डायनासोर के युग का है। जीवाश्म को संरक्षित कर दिया गया है।
जल्दी ही इसे पुरातत्व विभाग को सौंप दिया जाएगा। डा. चौहान ने कहा कि इस जीवाश्म की बारीकी से जांच होगी। भू विज्ञानी भी मौके पर जाएंगे और इसकी विशेषताएं देखेंगे।