महाराष्ट्र. के गढ़चिरौली जिला में नक्सलियों ने बड़ी वारदात को अंजाम देते हुए बुधवार दोपहर को महाराष्ट्र पुलिस के सी-60 कमांडो के वाहन को आईईडी विस्फोट से उड़ा दिया। इस हमले में निजी वाहन चालक सहित वाहन में सवार 16 जवान शहीद हो गए हैं, जबकि 13 जवान घायल हुए हैं। नक्सली इस क्षेत्र में मंगलवार रात से ही उत्पात मचा रहे थे। मंगलवार रात नक्सलियों ने इसी इलाके में सड़क निर्माण में लगे 27 वाहनों को जला दिया था। आईजी गढ़चिरौली शरद शेलार ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि महाराष्ट्र पुलिस के सी-60 कमांडो दो निजी बसों में सवार होकर कोरसी की ओर जा रहे थे। कोरसी, छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिला की सीमा से लगता इलाका है। इस दौरान सड़क पर अचानक विस्फोट हुआ और वाहन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। घटना में निजी वाहन चालक समेत 16 जवानों के शहीद होने की सूचना है, जबकि 13 जवान घायल हुए हैं। यहां गढ़चिरौली एरिया कमेटी के नक्सली सक्रिय हैं जो महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ सीमा पर लगातार इस तरह की घटनाओं को अंजाम देते रहते हैं। तीन एरिया कमेटी का सेंटर एरिया है।यह भी बताया जा रहा है कि वारदात को अंजाम देने के लिए करीब 150 की संख्या में नक्सली वहां मौजूद थे। घटना में कई जवान घायल भी हुए हैं, जिन्हें उपचार के लिए स्थानीय अस्पताल में भ्रती कराया गया है। उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिला में पुलिस की एक टीम पर नक्सली हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। श्री मोदी ने ट््वीट पर हमले की निंदा करते हुए कहा कि गढ़चिरौली में हमारे सुरक्षाकर्मियों पर हमले की कड़ी निंदा करता हूं। मैं बहादुर सुरक्षाकर्मियों को सलाम करता हूं। इनके बलिदान को हमेशा याद रखा जाएगा। पीड़ित परिवारों के प्रति शोक और संवेदनाएं। इस हमले के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
ऐसे फंसाए जवान जाल में
गढ़चिरौली महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में 16 जवानों की शहादत के पीछे नक्सलियों की एक सुनियोजित साजिश और बदले की भावना नजर आ रही है। नक्सलियों ने बुधवार सुबह एक से चार बजे के बीच कुरखेड़ा तहसील के दादापूरा गांव में एक साजिश के तहत 36 वाहनों में आग के हवाले कर दिया था। उन्हें पता था कि उनकी आगजनी के बाद सुरक्षा बलों का मूवमेंट जरूर होगा और वे उचित मौके पर हमले की धात लगाऐ हुऐ थे। सुरक्षा बलों को भी नक्सलियों द्वारा अपनी गाडियों को निशाना बनाए जाने की आशंका थी, इसीलिए कुरखेड़ा पुलिस स्टेशन की क्विक रिस्पांस टीम ने अपने मूवमेंट के लिए प्राइवेट बस को हायर किया, ताकि नक्सलियों को चकमा दिया जा सके। इसके बाद भी नक्सलियों ने गाड़ी को निशाना बनाया, जिससे स्पष्ट है कि उन्हें क्यूआरटी टीम के मूवमेंट की पल-पल की खबर थी। है। 2009 में अलग-अलग नक्सली हमलों में 51 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए थे। उस साल ग्यारापत्ती के नजदीक हमले में 15, लहेरी में 19 और हेट्टिगोटा में 16 जवान शहीद हुए थे।