कोलंबो करीब 40 किलोमीटर दूर पुगोदा शहर में विस्फोट, 16 और गिरफ्तार
कोलंबोः श्रीलंका की राजधानी कोलंबो और उसके आसपास के शहरों में रविवार को ईस्टर के मौके पर हुए बम धमाकों के बाद गुरुवार को पूर्वी शहर पुगोदा में फिर विस्फोट हुआ। हालांकि इसमें कोई हताहत नहीं हुआ है। रविवार के विस्फोटों के बाद देश के कई स्थानो मे हाई अलर्ट कर दिया है। नागरिक विमानन प्राधिकरण ने श्रीलंका के हवाई क्षेत्र में ड्रोन की उड़ानों को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का निर्णय लिया है। पुलिस के प्रवक्ता रुवन गुनासेककेरा ने बताया कि कोलंबो से 40 किलोमीटर दूर पुगोदा शहर में मजिस्ट्रेट अदालत के पीछे खाली भूमि पर हुए विस्फोट की जांच पडताल की जा रही है। उन्होंने कहा कि अदालत परिसर के पीछे एक विस्फोट हुआ है, हम इसकी जांच कर रहे हैं। रविवार को हुए आतंकवादी हमले में 359 लोगों की मौत हो गई थी और करीब 500 लोग घायल हो गए थे। आतंकवादी हमले के सिलसिले में पुलिस ने विशेष अभियान के दौरान गुरुवार सुबह 16 और संदिग्धों को गिरफ्तार किया, जिनमें से एक संदिग्ध पर आतंकवादी समूह के साथ मिले से़े होने का संदेह है। पुलिस ने बताया कि इस सिलसिले में अब तक 76 संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है और इनमें से कई को आपराधिक जांच केन्द्र विभाग के हवाले कर दिया गया है। श्रीलंका के नागरिक विमानन प्राधिकरण ने एक विशेष बातचीत में बताया कि देश के हवाई क्षेत्र के अंदर ड्रोन और मानवरहित विमानों के इस्तेमाल पर गुरुवार से अगली सूचना आने तक रोक दी है। प्राधिकरण ने बताया कि देश की मौजूदा स्थिति को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है।
विस्फोटकों के साथ तीन संदिग्धो को किया गिरफ्तार
श्रीलंका पुलिस की विशेष टॉस्क फोर्स ने राजधानी कोलंबों के मोदारा क्षेत्र से तीन लोगों को स्वदेशी निर्मित विस्फोटकों तथा तलवारों के साथ गिरफ्तार किया है। पुलिस ने गुरूवार को यह जानकारी दी। पुलिस प्रवक्ता रूवान गुणाशेखरा ने बताया कि पुलिस ने छापा मारकर इन लोगों को गिरफ्तार किया। इनके पास से 21 देशी ग्रेनेड और छह तलवार तथा एक वैन बरामद की गई है। धमाकों के बाद से वीजा ऑन अराइवल स्थगित कर दी है। रविवार को ईस्टर के दौरान हुए भीषण बम धमाकों के बाद सरकार ने विदेशी पर्यटकों के लिए वीजा ऑन अराइवल योजना को सुरक्षा कारणों से स्थगित कर दिया गया है। इस योजना को पूरे देश में पहली मई से लागू किया जाना था और इसमें लगभग 30 देशों के पर्यटकों को यह सुविधा मुहिया की जानी थी। पर्यटन, वन्यजीव और ईसाई धार्मिक मामलों के मंत्री जॉन अमारातुंगा ने गुरुवार को कहा कि अभी तक की जांच से यह पता चला है कि इसमें विदेशी संगठनों का हाथ माना जा रहा है और हम इस सुविधा का दुरूपयोग नहीं होने देना चाहते है।